Saturday, May 17, 2008

चले गये तुम !!



चल गये तुम देकर , थोड़े आँसु कुछ यादेँ !
कौन करेगा पूरे बोलो , किए हुए तेरे वादे !!


हमने रोका तुम भी रुकते , पर कुछ यूं हालात बने !
विदा हुए हम देखते रहे , राख मे तेरी हाथ सने !!
चिता मे तेरे साँथ जल गयी , तेरी हँसी तेरी बातें !
कौन सुनाएगा वो किस्से , जिनसे कटती थी राते !!
कौन करे फरमाइश पुरी , जो मांगू तू वो लादे !


चले गए तब ज्ञात हुआ , अपना खोना क्या होता है !
याद मे तेरी साथ मेरे , घर आंगन भी रोता है !!
वही आंगन ढूँडते थे तुम , मै कहीँ छुप जाता था !
कईँ सवाल पूछोगे ये , सोच नजर चुराता था !!
बड़े जटिल लगते थे , प्रश्न तेरे सीधे सादे !


लौट के ना आओगे तुम , इस मन को समझाता हूँ !
पर तेरी यादों की दस्तक , हर कोने मे पाता हूँ !!
माना अब हमने तेरे बिन , मुस्कुराना सिख लिया !
वक्त के साथ अकेले ही , कदम मिलाना सिख लिया !!
अगले जनम तुमको इश्वर , फिर हमसे ही मिलवादे !

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