Thursday, April 17, 2008

कहते हो क्यों बस मुझे ही दीवाना !!



कहते हो क्यों बस मुझे ही दीवाना, कोई तेरे दिल मे भी आया तो होगा !
रातों की नींदे मेरी चुराई, तुझे भी किसी ने जगाया तो होगा !!

कभी तो मिली होंगी उससे निगाहें , तुझे देख वो मुस्कुराया तो होगा !
कभी नाम लिख कर मेहंदी से उस का, हथेली से अपने मिटाया तो होगा !!

ये दिन कट रहे खयालों मे तेरे , लिए याद तेरी रातें गुजरती !
क्या कहता जमाना इसी को मोहब्बत, तुझे भी किसी ने बताया तो होगा !!

करता हुँ गर तुझसे सपनो मे बातें, मुझको बताओ की ये क्या गुनाह है !
किसी से ख्वाबो मे शर्मा के तुमने, दुप्पटे से मुखड़ा छुपाया तो होगा !!

कहते वो मुझसे उन्हें भूल जाऊँ , न लाब्जो पे उनका कभी नाम लाऊँ !
तड़प कर किसी को पुकारा तो होगा, कोई याद उनको भी आया तो होगा !!

कहते हो क्यों बस मुझे ही दीवाना, कोई तेरे दिल मे भी आया तो होगा !

No comments: