Saturday, April 5, 2008

कर ले बाते बैठ जिन्दगी !!



कर ले बाते बैठ जिन्दगी , जाने कल रहे ना रहे !
ले जाए मौत मुझे कब , बातो का वक्त रहे ना रहे !!

कर ले कुछ बाते कल की, बीते हुए हर पल की !
मुस्कुराके मिली जहाँ तू , माँ के उस आंचल की !!
पहले कदम के साथ की , दौड़ते दिन और रात की !
हर मेरे जस्बात की , अच्छे बुरे हालत की !!
हर खुशी जो हमने बांटी , हर दुःख जो साथ सहे !
कर ले बाते बैठ जिन्दगी , जाने कल रहे न रहे !!


देखा मेने तुझको रोते अपनी माँ की आँखों मे !
शेतानी पे मुझ पर उठते उसके के कोमल हाथो मे !!
हाथ पकड़ जो मुझे चलाते बाबुल के दुलार मे !
आंगन की उस लुका छिपी मे, हर जीत और हार मे !!
हँसते यारो के चहरो मे , हर पल मेरे साथ रहे !!
कर ले बाते बैठ जिन्दगी , जाने कल रहे न रहे !!


करे बात कुछ उस पगली की, आयी है मेरे जीवन मे !
खुशियाँ जो लेके आयी है , बिखराने मेरे आंगन मे !!
हंसती है मेरी बातो पे, कभी मचल वो जाती है !
देखु जब मै उस को हँसके , मुझे देख शर्माती है !!
कभी कभी नैना बतियाते, लाब्जो से कुछ भी न कहे !!
कर ले बाते बैठ जिन्दगी , जाने कल रहे न रहे !!

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