कहूँ परी या पगली कोई , मन कुछ समझ ना पाए !!
नाम के जैसी मीठी बोली , हँसी खुशी की ये रंगोली !
तीखे तीखे नैन नक्श , प्यारी प्यारी सूरत भोली !!
जान बचा भागे हर कोई , पर गुस्सा जब आ जाए !
कहूँ परी या पगली कोई , मन कुछ समझ ना पाए !!
कभी करे शैतानी कभी, बन जाए बहुत सयानी !
कभी हँसे पगली सी ख़ुद पे , करके कुछ नादानी !!
कभी मचल जाए बच्चों सी , गर ये जिद पे आए !
कहूँ परी या पगली कोई , मन कुछ समझ ना पाए !!
कई ख्वाब आँखों मे ले, मन अरमान सजाये है !
जीवन मै हो प्यार यही, आशा दीप जलाये है !!
मेरी दुआ हर ख्वाब हो पुरा , जीवन आनंद मय हो जाए !
हो परी या पगली कोई , मेरी दोस्त ये कहलाये !!