नही अपना कोई साँथ बदला है ये वक़्त !
हर तन्हा कटे रात बदला है ये वक़्त !!
हर दम संग रहे जो बिछडे ना कभी !
एक पल को नही साँथ बदला है ये वक़्त !!
जेब मे रख फुर्सत घूमते थे कभी !
आज आता नही है हाथ बदला है ये वक़्त !!
जीती बाजी भी एक पल मे हार जाता है !
आदमी की क्या औकात बदला है ये वक़्त !!
साँथ सुख मे थे वो दुःख मे नही !
सो गए उनके जस्बात बदला है ये वक़्त !!
उसको बस एक झलक देखने का अरमा था !
पर ना हो पाई मुलाकात बदला है ये वक़्त !!
आज तन्हा है जो कल सब का प्यारा था !
देदो कोई इश्क की खैरात बदला है ये वक़्त !!
लम्बी है रात फ़िर भी सहर तो आएगी !
बदलेंगे तेरे भी हालत बदला है ये वक़्त !!
हर तन्हा कटे रात बदला है ये वक़्त !!
हर दम संग रहे जो बिछडे ना कभी !
एक पल को नही साँथ बदला है ये वक़्त !!
जेब मे रख फुर्सत घूमते थे कभी !
आज आता नही है हाथ बदला है ये वक़्त !!
जीती बाजी भी एक पल मे हार जाता है !
आदमी की क्या औकात बदला है ये वक़्त !!
साँथ सुख मे थे वो दुःख मे नही !
सो गए उनके जस्बात बदला है ये वक़्त !!
उसको बस एक झलक देखने का अरमा था !
पर ना हो पाई मुलाकात बदला है ये वक़्त !!
आज तन्हा है जो कल सब का प्यारा था !
देदो कोई इश्क की खैरात बदला है ये वक़्त !!
लम्बी है रात फ़िर भी सहर तो आएगी !
बदलेंगे तेरे भी हालत बदला है ये वक़्त !!
1 comment:
Ek dam alag kavita hai..good
Post a Comment