Thursday, November 29, 2007

थाम के हाथ मेरा जिन्दगी भर साथ चले !!



थाम के हाथ मेरा जिन्दगी भर साथ चले ,
जैसे चाँद के संग चांदनी हर रात चले !
लगे हर रोज सुबह मुझको वो पगली सी,
बने जो मेरी दीवानी हर शाम ढले !

करे मुझ से ही शिकायत मेरी शेतानी पे,
रूठे खुद से खुद की नादानी पे !
हँस के करदे रोशन मेरे दिल का हर कोना,
रहे बेचेन मेरी एक परेशानी पे !
काटू जिंदगी उसकी पलको के तले !

थाम के हाथ मेरा जिन्दगी भर साथ चले !

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