Monday, November 19, 2007

नयी भोर का आगमन हो रहा है !!




नयी भोर का आगमन हो रहा है ,
अमावस निशा का गमन हो रहा है !
उषा फैली सरिता के अंचल पे फिर से,
अरुण से तम का दमन हो रहा है !
नयी भोर का आगमन हो रहा है !

प्रियंका मै फिर शिशु मुस्कुराते,
अम्बुज सरोवर मै है खिलखिलाते !
लो गूंजी मंदिर मे पीयूष वाणी,
मोती बन ओस कन कुश पे जगमगाते !
है गूंजे नभ मे पूजा के स्वर जब ,
रात्री सन्नाटे का यू पतन हो रहा है !
नयी भोर का आगमन हो रहा है !

फैली मिशा नभ मुख पे ऐसे ,
की शरमाये प्रेयसी प्रियतम से जैसे !
ले रही हे तरंगे सरिता की लहरे ,
अल्हड़ ले अंगडाई मस्ती मे जैसे !
जुर्मुट टीया कराती है कलरव,
भानु - धरा का मिलन हो रहा है !

नयी भोर का आगमन हो रहा है ,
अमावस निशा का गमन हो रहा है !! 

2 comments:

Unknown said...

apke jevan mein aur kiska agman ho raha haii....

aaditya said...

sare namo ka bahut acche se smanvay kiya hai- ek nam aur jod le .
tona didi says