मै क्या , मेरा परिचय क्या!
जीवन हे स्वरलहरी मेरा, कोई भिन्न मुझसे लय क्या !!
मै क्या , मेरा पारिचय क्या!
घुल जाऊ रेवा लहरों मे , शाम सहर और पहरों मे,
धुप छाव अठखेली मे , माँ कि झोली मैली मे,
छा जाऊ गर हर मन पे, फिर जिव मरण का अभिनय क्या !!
मै क्या , मेरा परिचय क्या !
कर्म यग्य आहुति बन, परमाथ जीवन अर्पण,
सत्य पथ अग्रसर हो , तन मन का करदू तरपन,
हर मन प्रगति दीप जले तो, जिव जगत मे तम भय क्या !!
मै क्या , मेरा पारिचय क्या!
जीवन हे स्वरलहरी मेरा, कोई भिन्न मुझसे लय क्या !!
मै क्या , मेरा पारिचय क्या!
घुल जाऊ रेवा लहरों मे , शाम सहर और पहरों मे,
धुप छाव अठखेली मे , माँ कि झोली मैली मे,
छा जाऊ गर हर मन पे, फिर जिव मरण का अभिनय क्या !!
मै क्या , मेरा परिचय क्या !
कर्म यग्य आहुति बन, परमाथ जीवन अर्पण,
सत्य पथ अग्रसर हो , तन मन का करदू तरपन,
हर मन प्रगति दीप जले तो, जिव जगत मे तम भय क्या !!
मै क्या , मेरा पारिचय क्या!
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