Wednesday, September 26, 2007

तू सारी खुशीयॉ पा जाये !!



हर दिन शुभ हर शाम सुनहरी, रात पूर्णिमा छा जाये !
हाथ उठा जो मांगे तू वो , सारी खुशीयॉ पा जाये !!


हर रस्ता आसान हो तेरा ,पग पग तेरे फूल पटे !
कदम रखे जिस पथ पे तू, उस पथ के कंटक दूर हटे !!
दूर हटे हर मुश्किल तुझ से, मंजिल पे तू आ जाये !
हाथ उठा जो मांगे तू वो , सारी खुशीयॉ पा जाये !!


खुशीयॉ तेरे आस पास हो , गम का नमो निशॉ ना हो !
सुख कि बस्ती मन मे हो , दुःख कहि भी बसा ना हो !!
हँसी खुशी कि बरखा बरसे , दर्द के बदल ना छाये !
हाथ उठा जो मांगे तू वो , सारी खुशीयॉ पा जाये !!

Sunday, September 2, 2007

क्या लाया क्या ले जाऊंगा !!



क्या लाया क्या ले जाऊंगा, बस मिट्टी मै रह जाऊंगा !
संग बिताये लम्हों कि पर, भीनी खुशबू दे जाऊंगा !!

संग बिताई सारी राते , लब चुप चुप बस कहती आंखे !
इन् आँखों कि भाषा मै ही, अपनी हसरत कह जाऊंगा !!
बस मिट्टी मै रह जाऊंगा !

तेडे मेडे तट के रस्ते , साथ चले है जिन पे हसते !
कदम मिला फिर चल ना सका तो , संग नदी बन बह जाऊंगा !!
बस मिट्टी मै रह जाऊंगा !

संग मिली है सारी खुशींया, साथ उठाये थे सारे गम !
अब दे सारी खुशींया तुझ को, सब गम खुद ही सह जाऊंगा॥
बस मिट्टी मै रह जाऊंगा !

क्या लाया क्या ले जाऊंगा, बस मिट्टी मै रह जाऊंगा !
संग बिताये लम्हों कि पर, भीनी खुशबू दे जाऊंगा !!